राजस्थान / प्रदेश में अगले दो दिन भारी बारिश की संभावना, मौमस विभाग ने 15 शहरों में जारी किया येलो अलर्ट

भीलवाड़ा. राजस्थान के भीलवाड़ा में मंगलवार को भील समाज के लोगों ने गौरज्या माता की स्थापना के लिए गवरी लोकनृत्य किया। स्थानीय लोग बताते हैं कि गवरी में हिस्सा लेने वाले कलाकारों के एक समूह में 150 सदस्य होते हैं। इसमें हिस्सा लेने वाले कलाकारों के लिए बहुत कड़े नियम होते हैं। जो गवरी करते हैं, वे 40 दिन तक नहीं नहाते।


 


हरी सब्जियां और मांस मदिरा का त्याग कर दिन में सिर्फ एक बार ही खाना खाते हैं। नंगे पांव रहते हैं। सवा महीने तक अपने घर ना जाकर मंदिर में ही रहते हैं और जमीन पर सोते हैं। इतना ही नहीं कलाकारों को ब्रह्मचर्य का पालन भी करना पड़ता है। खास बात यह है कि इसमें अभिनय करने वाले सभी सदस्य पुरुष ही होते है। इनमें से कुछ लोग महिला का किरदार भी निभाते हैं। 40 दिन के बाद माता को शाही सवारी के साथ जल में विसर्जित कर दिया जाता है।