जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी ने 12 विषयों में पीएचडी में एडमिशन कराने के लिए एमपेट का नोटिफिकेशन ताे निकाला, लेकिन उसमें कई विषयों में पीएचडी अाैर एमफिल की सीटें ही घट गई है। यूनिवर्सिटी ने पिछले महीने 26 विषयों में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा कराई थी। वहीं 12 विषयों के लिए अब कराने जा रहे हैं। लेकिन दाेनाें के नोटिफिकेशन में सीटों में अंतर अा गया। अब 12 विषयों के लिए जाे नोटिफिकेशन जारी हुअा है उसमें पीएचडी में इकोनॉमिक्स में 10, लाॅ में 4 सीटें कम कर दी गई है।
वहीं एमफिल की बात करें ताे एबीएसटी में 3 अाैर उर्दू व पर्सियन विषय में 2 सीटें कम की गई है। हालांकि हिस्ट्री एंड इंडियन कल्चर में एमफिल में 3, पॉलिटिकल साइंस में 5, नैनाेटेक्नाेलाॅजी में पीएचडी में 1 सीट बढ़ाई भी है। परीक्षा संयोजक प्राे. एस एल शर्मा का कहना है कुछ विषयों के लिए सिंडिकेट से संबद्ध कॉलेजों के कुछ सुपरवाइजर्स काे बाद में अप्रूवल मिली था। वहीं कुछ शिक्षकों के रिटायर्ड हाे जाने से सीटों में अंतर अाया है।
2016- 17 के छात्राें काे मिला रहा है एडमिशन
कुलपति सचिवालय में गुरूवार काे एमपेट परीक्षा में गडबडी का अाराेप लगाते हुए छात्राें ने प्रदर्शन किया। छात्राें का कहना है कि पीएचडी में कई सीटें बिना परीक्षा के सीधे ही भरी जा रही है। इस संबंध में एमपैट के संयाेजक एस एल शर्मा ने बताया कि किसी भी अभ्यर्थी को सीधे प्रवेश नही दिया जा रहा है। दरअसल, 2016, 17 में जाे छात्र एमफिल कर चुके हैं। उनमें से कई ने 2017 में एमपेट दिया था लेकिन सीटें खाली नहीं हाेने की वजह से उनका एडमिशन नहीं हुअा था। इसके बाद सिंडिकेट ने उन छात्राें के लिए ट्रांजेटरी फेज में 50 प्रतिशत सीटें रिजर्व रखने का अादेश दिया था। एमपैट में प्रवेश के लिए पूरी पारदर्शिता रखी गई है।